6 सीजीपीए लाने पर ही छात्रों को मिलेगी स्नातक प्रतिष्ठा की डिग्री
बिहार विवि ने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को लेकर निर्देश दिया है। प्रथम सेमेस्टर में अब योग्यता, कौशल संग वैल्यू एडेड कोर्स लेना जरूरी रहेगा। 6 सीजीपीए से अगर छात्रों को कम आया तो स्नातक प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि केवल पास कोर्स का ही प्रमाणपत्र मिलेगा।
विवि के अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो. अभय कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व से संचालित त्रिवर्षीय स्नातक प्रतिष्ठा पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए चयनित विषयों में छात्रों को 45 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक था। नई शिक्षा नीति में 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के अंतर्गत सीबीसीएस सेमेस्टर प्रणाली में नामांकन के लिए छात्रों को कम से कम 33 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक होगा, लेकिन स्नातक प्रतिष्ठा की डिग्री के लिए 6 सीजीपीए लाना आवश्यक होगा अन्यथा उन्हें पास कोर्स का ही प्रमाणपत्र दिया जाएगा। सभी छात्रों को प्रथम सेमेस्टर में तीन अन्य विषय समूहों एईसी, एसईसी और वीएसी में से एक-एक विषय का चयन अनिवार्य रूप से करना होगा।
हर पेपर में होगा मिड सेमेस्टर टेस्ट
कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने कहा है कि नई शिक्षा नीति के तहत लचीली उच्च शिक्षा प्रणाली प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत छात्रों के लिए मल्टीपल एंट्री-एग्जिट की अनुमति और री-एंट्री विकल्प मौजूद है। एक वर्ष (2 सेमेस्टर) पूरा करने के बाद छात्र अगर पढ़ाई रोकना या त्यागना चाहते हैं तो उस स्थिति में उन्हें यूजी प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा, बशर्ते उन्होंने उस वर्ष के ग्रीष्मावकाश के दौरान चार क्रेडिट का व्यावसायिक पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया हो। दो वर्ष (4 सेमेस्टर) पूरा करने के बाद छात्र अगर पढ़ाई रोकना या त्यागना चाहते हैं तो उस स्थिति में उन्हें यूजी डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा, बशर्ते उन्होंने उस वर्ष के ग्रीष्मावकाश के दौरान चार क्रेडिट का व्यावसायिक पाठ्यक्रम सफलता पूर्वक पूरा किया हो। इस नई व्यवस्था में जो अभ्यर्थी मात्र स्नातक की डिग्री पाना चाहते हैं, उन्हें 6 सेमेस्टर अर्थात 3 वर्षों में स्नातक प्रतिष्ठा की डिग्री मिलेगी, अगर वांछित क्रेडिट का पाठ्यक्रम पूरा किया हो। प्रत्येक पत्र में आंतरिक परीक्षा सीआईए के रूप में एक मिड सेमेस्टर टेस्ट होगा एवं सेमेस्टर समाप्ति के बाद विश्वविद्यालय स्तर की लिखित परीक्षा होगी। छात्रों को आंतरिक एवं विवि स्तरीय परीक्षा में अलग-अलग उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा।